क्या सास-ससुर की प्रोपर्टी पर बहू कर सकती है दावा, जानिए कानून Property Rights

By Meera Sharma

Published On:

Property Rights

Property Rights: भारतीय परिवारों में संपत्ति विवाद एक आम समस्या है। विशेषकर सास-ससुर और बहू के बीच संपत्ति के अधिकारों को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। आइए जानते हैं कि वास्तव में कानून क्या कहता है और एक बहू के क्या अधिकार होते हैं।

सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का अधिकार

भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी बहू का अपने सास-ससुर की संपत्ति पर सीधा कानूनी अधिकार नहीं होता है। बहू स्वयं अपनी इच्छा से सास-ससुर की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती। यह महत्वपूर्ण है कि हर परिवार के सदस्य इस बात को समझें ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।

हालांकि, बहू को अपने पति के माध्यम से सास-ससुर की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है। अगर सास-ससुर चाहें तो वे अपनी स्वेच्छा से अपनी संपत्ति का कोई हिस्सा अपनी बहू को दे सकते हैं। इसमें कोई कानूनी बाधा नहीं है।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission सरकारी कर्मचारियों पर पैसों की बारिश, वेतन और पेंशन में इतना होगा इजाफा 8th Pay Commission

पैतृक संपत्ति में बहू के अधिकार

पैतृक संपत्ति के मामले में स्थिति थोड़ी अलग है। पैतृक संपत्ति वह होती है जो पिता, दादा या परदादा से विरासत में मिली होती है। इस संपत्ति पर बहू का दावा तभी मान्य होता है जब:

  1. उसका पति अपना हिस्सा उसे कानूनी रूप से हस्तांतरित कर दे।
  2. उसके पति की मृत्यु हो जाए, जिसके बाद वह अपने मृत पति के हिस्से पर दावा कर सकती है।

जब तक पति जीवित है, केवल वही अपनी पैतृक संपत्ति का हिस्सा अपनी पत्नी को दे सकता है। बहू स्वयं इस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती।

विवाह के दौरान अर्जित संपत्ति

विवाह के दौरान अर्जित संपत्ति के मामले में स्थिति अलग होती है। अगर विवाह के बाद पति-पत्नी ने मिलकर कोई संपत्ति खरीदी है, तो उस पर दोनों का समान अधिकार होता है। यह संपत्ति संयुक्त रूप से दोनों की मानी जाती है।

यह भी पढ़े:
Private School Admission लाखों गरीब बच्चों को मिलेगा प्राइवेट स्कूल में फ्री दाखिला, सरकार का मास्टरस्ट्रोक! Private School Admission

अगर पति ने अकेले विवाह के बाद कोई संपत्ति खरीदी है, तो भी पत्नी को उसमें कुछ अधिकार मिल सकते हैं, विशेष रूप से तलाक या पति की मृत्यु के मामले में।

वसीयत का महत्व

संपत्ति विवादों से बचने के लिए वसीयत का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। सास-ससुर अपनी संपत्ति का बंटवारा अपने जीवनकाल में ही वसीयत के माध्यम से तय कर सकते हैं। इससे भविष्य में होने वाले विवादों से बचा जा सकता है।

वसीयत में वे स्पष्ट रूप से उल्लेख कर सकते हैं कि किसे क्या मिलेगा, जिसमें वे अपनी बहू को भी संपत्ति का हिस्सा दे सकते हैं यदि वे ऐसा चाहते हैं।

यह भी पढ़े:
salary hike 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स की मौज, बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34 हजार के पार salary hike

संपत्ति विवादों से बचने के उपाय

परिवार में संपत्ति विवादों से बचने के लिए खुली बातचीत और पारदर्शिता आवश्यक है। सभी परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठकर संपत्ति के बंटवारे पर चर्चा करनी चाहिए। कानूनी सलाह लेना भी एक अच्छा विकल्प है।

संपत्ति के दस्तावेज स्पष्ट और अद्यतित होने चाहिए। सभी संपत्ति के कागजात सुरक्षित स्थान पर रखे जाने चाहिए और परिवार के प्रमुख सदस्यों को इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

भारतीय कानून के अनुसार, बहू का सास-ससुर की संपत्ति पर सीधा कानूनी अधिकार नहीं होता है, लेकिन वह अपने पति के माध्यम से या सास-ससुर की इच्छा से उनकी संपत्ति में हिस्सा पा सकती है। पति की मृत्यु के बाद, बहू अपने मृत पति के हिस्से पर दावा कर सकती है।

यह भी पढ़े:
Income Tax Raid Rule इनकम टैक्स के छापे में जब्त कैश-ज्वैलरी और प्रॉपर्टी का क्या होता है, कम लोग ही जानते हैं ये हकीकत Income Tax Raid Rule

संपत्ति विवादों से बचने के लिए, पारिवारिक संवाद, कानूनी सलाह और वसीयत का निर्माण महत्वपूर्ण कदम हैं। अच्छी समझ और पारदर्शिता से परिवार में शांति बनी रह सकती है और आपसी रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी कानूनी मामले में व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार एक योग्य वकील से सलाह लेना उचित होगा।

यह भी पढ़े:
Cheque Bounce Cheque Bounce होने पर कौन सी लगती है धारा, इतना चुकाना होगा जुर्माना, सजा का भी प्रावधान, जान लें नियम

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Related Posts

Leave a Comment