Cheque Bounce होने पर कौन सी लगती है धारा, इतना चुकाना होगा जुर्माना, सजा का भी प्रावधान, जान लें नियम

By Meera Sharma

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Cheque Bounce

Cheque Bounce: आजकल चेक बाउंस की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने चेक बाउंस की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया है। अब यदि किसी व्यक्ति का चेक लगातार तीन बार बाउंस होता है तो बैंक उसका खाता फ्रीज कर देगा। यह नया नियम वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और चेक बाउंस की घटनाओं को कम करने के लिए लाया गया है।

शिकायत दर्ज कराने के नए नियम

चेक बाउंस के मामले में शिकायत दर्ज कराने के नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले चेक बाउंस की शिकायत दर्ज कराने के लिए सिर्फ एक महीने का समय दिया जाता था। अब इस समय सीमा को बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है। यह बदलाव शिकायतकर्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि अब उन्हें अपनी बात रखने और न्यायिक प्रक्रिया तैयार करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक न्यायपूर्ण और व्यापक हो सकेगी।

ऑनलाइन शिकायत और डिजिटल सुविधा

न्यायिक प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब लोग चेक बाउंस की शिकायत ऑनलाइन भी दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही डिजिटल सबूतों को भी कोर्ट में मान्यता दी जाती है। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो समय की कमी, दूरदराज रहने या अन्य कारणों से पहले शिकायत दर्ज नहीं कर पाते थे। अब वे घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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सभी बैंकों के लिए समान नियम

नए नियमों के अनुसार अब सभी बैंकों के लिए एक जैसी प्रक्रिया लागू की जाएगी। चाहे चेक किसी भी बैंक का हो, कार्रवाई सभी जगह एक समान और सख्त होगी। बैंकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे चेक बाउंस होने के 24 घंटे के भीतर खाताधारक और चेक प्राप्तकर्ता दोनों को SMS और ईमेल के जरिए सूचना भेजें। इस सूचना में चेक बाउंस होने की स्पष्ट वजह भी बताई जाती है, जिससे लोगों को पता चल सके कि उनका चेक क्यों वापस हुआ है।

खाता फ्रीज होने की नई व्यवस्था

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब यदि किसी व्यक्ति का चेक लगातार तीन बार बाउंस होता है तो संबंधित बैंक उसका खाता अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकता है। यह कदम वित्तीय लेन-देन की व्यवस्था में अनुशासन बनाए रखने और गैर-जिम्मेदार व्यवहार को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे लोग अधिक सावधानी बरतेंगे और बिना पर्याप्त बैलेंस के चेक जारी करने से बचेंगे।

चेक बाउंस से बचने के उपाय

चेक बाउंस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। हमेशा खाते में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें। चेक पर तारीख, नाम और राशि को बिल्कुल सही तरीके से भरें। केवल काले या नीले रंग की स्याही का उपयोग करें। फटे या पुराने चेक का इस्तेमाल न करें। चेक को हमेशा ‘Account Payee’ बनाएं। अपना बैंक स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करते रहें। यदि भुगतान में देरी हो रही है तो सामने वाले व्यक्ति को पहले से जानकारी दें।

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कानूनी सजा के प्रावधान

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होना एक आपराधिक अपराध माना जाता है। इसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को दो साल तक की जेल, चेक राशि के दोगुने तक जुर्माना, कोर्ट फीस और वकील का खर्च भरना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त बैंक द्वारा 100 रुपये से 750 रुपये तक का जुर्माना भी वसूला जा सकता है। ये कड़े नियम चेक बाउंस की घटनाओं को कम करने में मदद करेंगे।

अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। कानूनी सलाह के लिए किसी योग्य वकील से सलाह लें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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