सेविंग अकाउंट में पैसा रखने की कितनी होती है लिमिट, इनकम टैक्स नोटिस से बचाना है तो जान लें नियम Income Tax Rule

By Meera Sharma

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Income Tax Rule

Income Tax Rule: आज के समय में अधिकतर लोगों के मन में बचत खातों को लेकर कई सवाल और भ्रम रहते हैं। कई लोग जानना चाहते हैं कि वे एक साथ कितने सेविंग अकाउंट रख सकते हैं, जिससे इनकम टैक्स विभाग का नोटिस न आए। कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि बचत खाते में अधिकतम कितना बैलेंस रखना चाहिए ताकि वे टैक्स के दायरे में न आएं। ऐसे ही कई सवाल आम टैक्सपेयर के मन में उठते रहते हैं। आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।

कितने बचत खाते रख सकते हैं?

इस सवाल का जवाब बहुत सरल है। इनकम टैक्स के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह तय करता हो कि आप अधिकतम कितने बचत खाते रख सकते हैं। आप चाहें तो एक या अनेक बैंकों में कितने भी बचत खाते खोल सकते हैं। आयकर विभाग का ध्यान आपके खातों की संख्या पर नहीं, बल्कि उनमें होने वाले वित्तीय लेनदेन पर होता है। अगर आपके सभी खातों में होने वाले लेनदेन कानूनी हैं और आप उनका हिसाब अपनी आय घोषणा में दिखाते हैं, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

बचत खाते में कितना पैसा रख सकते हैं?

बचत खाते में कितना पैसा रखा जा सकता है, इस पर भी कोई कानूनी सीमा निर्धारित नहीं है। आप अपने बचत खाते में कितनी भी राशि रख सकते हैं, बशर्ते आप उस राशि के स्रोत को प्रमाणित कर सकें। अगर आपके पास खाते में जमा राशि का वैध स्रोत है और आप अपनी आय पर नियमानुसार टैक्स चुकाते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग से किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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कैश ट्रांजेक्शन पर विशेष ध्यान दें

इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपने कैश ट्रांजेक्शन पर विशेष ध्यान दें। आयकर के नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में अगर आप अपने बचत खाते से 10 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी या जमा करते हैं, तो यह आयकर विभाग की नजर में आ सकता है। ध्यान रहे, यह सीमा पूरे वित्तीय वर्ष की कुल नकद लेनदेन पर लागू होती है, न कि एकमुश्त राशि पर। इसका मतलब है कि छोटे-छोटे लेनदेन भी, जो साल भर में कुल मिलाकर 10 लाख रुपये से अधिक हो जाते हैं, वे भी आपको नोटिस के दायरे में ला सकते हैं।

एकल ट्रांजेक्शन की सीमा

एक और महत्वपूर्ण नियम यह है कि एक बार में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन न करें। अगर आप एक ही बार में 2 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी या जमा करते हैं, तो इसकी सूचना बैंक द्वारा आयकर विभाग को दी जा सकती है। इसलिए, अगर आपको बड़ी राशि का लेनदेन करना है, तो इसे चेक, एनईएफटी, आरटीजीएस या अन्य डिजिटल माध्यमों से करना बेहतर होगा।

इनकम टैक्स विभाग को कैसे मिलती है जानकारी?

अब सवाल उठता है कि आयकर विभाग को लेनदेन की जानकारी कैसे मिलती है? अगर आपका पैन कार्ड आपके बचत खाते से जुड़ा है, तो 10 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की सूचना सीधे आयकर विभाग तक पहुंच जाती है। अगर पैन कार्ड जुड़ा नहीं है, तब भी बैंक ऐसे बड़े लेनदेन की सूचना आयकर विभाग को देने के लिए बाध्य है। यह नियम न केवल वाणिज्यिक बैंकों पर, बल्कि सहकारी बैंकों और पोस्ट ऑफिस पर भी लागू होता है।

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करंट अकाउंट के लिए अलग नियम

चालू खाते (करंट अकाउंट) के लिए नियम थोड़े अलग हैं। चालू खाते में एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये तक का नकद लेनदेन किया जा सकता है। इससे अधिक राशि के लेनदेन पर आयकर विभाग की नजर पड़ सकती है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति बैंक ड्राफ्ट या पे-ऑर्डर खरीदने के लिए एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद खर्च करता है, तो वह भी आयकर विभाग के रडार पर आ सकता है।

अंत में, सबसे अच्छी सलाह यही है कि अपने वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बनाए रखें। अपनी आय के सभी स्रोतों का ठीक से हिसाब रखें और नियमित रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करें। बड़े लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान माध्यमों का उपयोग करें और अनावश्यक नकद लेनदेन से बचें। ये सावधानियां बरतकर आप इनकम टैक्स विभाग से किसी भी अनावश्यक परेशानी से बच सकते हैं।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। कर सम्बंधी मामलों में हमेशा किसी पेशेवर सलाहकार से परामर्श लेना उचित रहता है, क्योंकि नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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