Land Purchase Rules: भारतीय संविधान हर नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में रहने और बसने का अधिकार देता है। हालांकि, जब संपत्ति खरीदने की बात आती है, तो कुछ राज्यों में विशेष नियम लागू हैं। हर व्यक्ति अपनी पसंद की प्रॉपर्टी खरीदने के लिए जीवन भर मेहनत करता है और पैसे जोड़ता है। लेकिन भारत के कुछ राज्यों में चाहकर भी बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते। आइए जानते हैं कि ये कौन से राज्य हैं और क्यों वहां ऐसे नियम हैं।
हिमाचल प्रदेश: खेती की भूमि पर प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश प्रकृति की सुंदरता से भरपूर राज्य है, जहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। यहां के पहाड़, वादियां और सुंदर दृश्य हर किसी को लुभाते हैं। लेकिन यहां पर बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान नहीं है। 1972 के भूमि कानून की धारा 118 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में दूसरे राज्यों के लोग खेती की भूमि नहीं खरीद सकते। यह नियम राज्य के स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है, ताकि यहां की कृषि भूमि स्थानीय लोगों के पास ही रहे।
नागालैंड: विशेष संवैधानिक प्रावधान
नागालैंड पूर्वोत्तर भारत का एक खूबसूरत राज्य है, जहां बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना मुश्किल है। साल 1963 में जब नागालैंड राज्य बना था, तब विशेष अधिकार के रूप में आर्टिकल 371A का प्रावधान किया गया था। इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, यहां दूसरे राज्यों के लोगों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है। यह नियम स्थानीय नागा संस्कृति, परंपराओं और भूमि अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।
सिक्किम: अनुच्छेद 371F के तहत संरक्षण
सिक्किम भारत का एक ऐसा राज्य है जहां न सिर्फ प्रॉपर्टी खरीदने, बल्कि इनकम टैक्स के नियमों में भी कई विशेषताएं हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371F के तहत, सिक्किम को विशेष दर्जा प्राप्त है। इस प्रावधान के अनुसार, बाहरी लोगों को यहां भूमि या संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध है। यह नियम सिक्किम की अनूठी पहचान, संस्कृति और स्थानीय लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए है।
अरुणाचल प्रदेश: सरकारी अनुमति आवश्यक
अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर भारत का एक अत्यंत सुंदर राज्य है, जहां प्रकृति की मनमोहक छटाएं हैं। यहां भी बाहरी लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना आसान नहीं है। राज्य के नियमों के अनुसार, बाहरी लोगों को भूमि खरीदने की अनुमति नहीं है। खेती की भूमि केवल सरकारी अनुमोदन के बाद ही ट्रांसफर की जा सकती है। यह नियम राज्य की जनजातीय संस्कृति और स्थानीय लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए है।
पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्य जैसे मिजोरम, मेघालय और मणिपुर में भी इसी तरह के नियम लागू हैं। इन राज्यों में बाहरी लोगों के लिए संपत्ति खरीदना प्रतिबंधित है। यहां तक कि पूर्वोत्तर के लोग भी एक-दूसरे के राज्यों में जमीन नहीं खरीद सकते। ये नियम स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।
इन राज्यों में भूमि खरीद प्रतिबंध का मुख्य कारण स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी संस्कृति को संरक्षित रखना है। इन राज्यों की अपनी विशिष्ट पहचान और संवैधानिक व्यवस्था है जो स्थानीय जनता के हितों की रक्षा करती है। इसलिए, अगर आप इन राज्यों में संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पहले स्थानीय नियमों और कानूनों को समझना आवश्यक है।