Ration card and gas cylinder rules: भारत सरकार ने 21 मई 2025 से राशन कार्ड और गैस सिलेंडर से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालेंगे। इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य सब्सिडी का लाभ वास्तविक पात्र लोगों तक पहुंचाना और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। विशेष रूप से गरीब, मध्यम वर्ग और प्रवासी मजदूरों को इन नए नियमों से पारदर्शिता और राहत मिलने की उम्मीद है।
डिजिटल राशन कार्ड की अनिवार्यता
नई व्यवस्था के अंतर्गत सभी राशन कार्ड अब डिजिटल रूप में जारी किए जाएंगे। भौतिक कार्ड की जगह ऑनलाइन सत्यापन योग्य डिजिटल कार्ड का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही, सभी लाभार्थियों के लिए अपने राशन कार्ड को आधार नंबर से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिना आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी के अब राशन प्राप्त नहीं किया जा सकेगा। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और डुप्लिकेट लाभार्थियों को चिह्नित करने में मदद करेगा।
वन नेशन वन राशन कार्ड की पूर्ण क्रियान्वयन
सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को पूरी तरह से लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ उन प्रवासी मजदूरों को मिलेगा जो रोजगार के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं। अब कोई भी लाभार्थी अपने राशन कार्ड से देश के किसी भी हिस्से में राशन प्राप्त कर सकेगा। इसमें बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और रियल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा अनिवार्य रूप से शामिल की गई है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
गैस सिलेंडर के लिए नए नियम
गैस सिलेंडर की बुकिंग और डिलीवरी प्रक्रिया को भी पूरी तरह से डिजिटल बना दिया गया है। अब हर गैस सिलेंडर की बुकिंग पर केवाईसी और ओटीपी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। सरकार ने सब्सिडी पर भी सीमा निर्धारित की है, जिसके अनुसार हर परिवार को महीने में अधिकतम 2 सिलेंडर और वर्ष में 6-8 सिलेंडर पर ही सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, सरकार स्मार्ट सिलेंडर भी लॉन्च कर रही है, जिनमें विशेष चिप लगी होगी। इन चिप्स के माध्यम से गैस की खपत और डिलीवरी की निगरानी की जा सकेगी।
मासिक आर्थिक सहायता का प्रावधान
पात्र परिवारों के लिए सरकार ने हर महीने मुफ्त राशन के साथ-साथ 1000 रुपये की प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता का प्रावधान भी किया है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाएगी। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट करवा लिया है और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है।
वार्षिक आय और पात्रता जांच
नए नियमों के अनुसार, राशन कार्ड और गैस सिलेंडर से जुड़े लाभों के लिए हर वर्ष पात्रता की जांच अनिवार्य होगी। इसके तहत परिवार की आय और अन्य पात्रता मानदंडों की वार्षिक जांच की जाएगी। सरकार ने आय सीमा को क्षेत्र के अनुसार विभाजित किया है – ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1.20 लाख रुपये, शहरी क्षेत्रों के लिए 1.50 लाख रुपये और मेट्रो शहरों के लिए 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार पात्र होंगे। विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को इस नियम में विशेष छूट प्रदान की गई है।
आवश्यक दस्तावेज और तैयारी
इन नए नियमों का लाभ उठाने के लिए नागरिकों को कुछ आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखने चाहिए। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बिजली बिल, बैंक पासबुक की प्रति और परिवार के सभी सदस्यों की पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। समय रहते इन दस्तावेजों को व्यवस्थित कर लेना आवश्यक है ताकि लाभ प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।
आम जनता पर प्रभाव
इन नियमों का सबसे बड़ा सकारात्मक प्रभाव यह होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचेगा। फर्जी लाभार्थियों और बिचौलियों पर रोक लगेगी, जिससे सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। डिजिटल ट्रैकिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राशन और गैस सिलेंडर की सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने दस्तावेजों को अपडेट करवाएं और नए नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करें। किसी भी अतिरिक्त जानकारी के लिए अपने नजदीकी राशन डीलर या गैस एजेंसी से संपर्क करें और फर्जी कॉल या वेबसाइटों से सावधान रहें।
अस्वीकरण: यह लेख सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। कृपया अपने स्थानीय अधिकारियों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है।